Ummeed Prem Ka Ann Hain – Anurag Vats

Ummeed Prem Ka Ann Hain – Anurag Vats

180.00

Ummeed Prem Ka Ann Hain 1. उम्मीद प्रेम का अन्न हैं ( 150₹) कविता संग्रह डिलीवरी चार्ज :- 30₹ अनुराग कविता के आँगन में दबे पाँव जाते हैं और उसे निपट वैसा ही देख पाते हैं जैसी वह अपने मूल रूप में है, बिना किसी अतिरिक्त आरोपण और बनाव-शृंगार के। आज के समय में जब…

Description

Ummeed Prem Ka Ann Hain

1. उम्मीद प्रेम का अन्न हैं ( 150₹)

कविता संग्रह

डिलीवरी चार्ज :- 30₹
अनुराग कविता के आँगन में दबे पाँव जाते हैं और उसे निपट वैसा ही देख पाते हैं जैसी वह अपने मूल रूप में है, बिना किसी अतिरिक्त आरोपण और बनाव-शृंगार के। आज के समय में जब प्रेम कविताओं के साथ ऐसा संकोची आचरण लगभग असंभव हो गया है, वह एक विरल कवि की तरह लिक्खाड़ों के मोहल्ले में अपना पहला क़दम रखते हैं। कवि के तौर पर उनका संकोच इन कविताओं में इस तरह झिलमिलाता है, जैसे संध्या आरती के दीयों की रोशनी नदी में झिलमिलाती है और पानी से टकराकर एक जगमगाते दृश्य का रचाव करती है। कठिन कविता लिखना बहुत कठिन काम नहीं है, असल चुनौती सरल कविता में कविता को बचाए रखने की है। अनुराग अपनी स्वाभाविक सहजता के साथ कविता में उस अलक्षित तरलता को सहेज पाते हैं। एक कविता-प्रेमी के तौर पर उनकी कविताओं से गुज़रते हुए मुझे यह आश्वस्ति मिलती है कि ये कविताएँ जीवन की धूप में पर्याप्त सिंकी हुई हैं, मगर कहीं से भी जली हुई नहीं। कविता जिन लोगों के लिए भोजन-पानी का काम करती है, अनुराग की कविताएँ उन्हें जीवन-ऊर्जा से भरेंगी। ये ज़ेहन की ज़ुबान पर लंबे समय तक बने रहने वाले स्वाद की कविताएँ हैं।

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