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Tum Ho Ki Muqadama Likha Deti Ho 1. तुम हो कि मुक़द्दमा लिखा देती हो ( 260₹) डिलीवरी चार्ज :- 30₹ एक ऐसे समय में जब यह मान लिया गया हो कि कविता या सरल-मति में साहित्य ही, हमारे समय के संघर्षों में हमारा बहुत साथ देने लायक नहीं रहा है—हालाँकि उससे कमतर-बदतर चीजों और…
Tum Ho Ki Muqadama Likha Deti Ho
1. तुम हो कि मुक़द्दमा लिखा देती हो ( 260₹)
डिलीवरी चार्ज :- 30₹
एक ऐसे समय में जब यह मान लिया गया हो कि कविता या सरल-मति में साहित्य ही, हमारे समय के संघर्षों में हमारा बहुत साथ देने लायक नहीं रहा है—हालाँकि उससे कमतर-बदतर चीजों और लोगों से हम आस लगाये बैठे हैं—‘बूथ पर लड़ना’ सरीखी कविताएं बोध, विचार, विवेक और अनिर्णय की हमारी दुविधाजनक स्थिति को बदलती है। वह अपने भीतर जिस अन्यथा विवादास्पद तथ्य को अपना आत्म-सत्य स्वीकार कर आगे बढ़ती है, और उसके जितने आयामों को उद्घाटित करने में सफल हुई है, उसकी अपेक्षा हम हर अच्छी कविता से करते हैं—जो असल में बहुत कम मौक़ों पर पूरी होती दिखती है। इस लिहाज़ से वह इधर लिखी जा रही कविताओं में अपने तरह की अकेली है। हालाँकि बूथ जैसी सबसे छोटी इकाई पर भी प्रतिबद्ध होकर लड़नेवाले इस कवि में इस बात का भी बहुत तीखा एहसास है कि ‘बहुत सारे संघर्ष स्थानीय रह जाते हैं’!
संख्या में बहुत अधिक कविताएँ न लिखने के बावजूद व्योमेश शुक्ल हिन्दी कविता के मानचित्र पर लगातार लक्षित किए जाते रहे हैं। इसकी वजह अपनी काव्य-भाषा, शिल्प और कहन में हासिल उनका वह नैरन्तर्य है, जिसे बहुतेरे कवि आरंभिक उठान के बाद दूर तक संभाल पाने में अक्षम साबित हुए हैं।
दिलचस्प यह है कि कविता और वैचारिक गद्य के लिए वह लगभग एक जैसी भाषा का इस्तेमाल करते दिखते हैं और उसके प्रति बहुमुखी सजगता बरतते हैं। इसका उज्ज्वल प्रमाण है बनारस पर एकाग्र उनकी गद्य-पुस्तक ‘आग और पानी’, जिसे पढ़ते हुए एक लम्बी कविता का ही एहसास बना रहता है।
रुख़ पब्लिकेशन्स से अब पढ़िए व्योमेश शुक्ल की सभी कविताएँ एक ज़िल्द में : ‘तुम हो कि मुक़द्दमा लिखा देती हो’।
कवि ने हमारा आग्रह मान कर इस विशेष संग्रह के लिए 2006 से लेकर अब तक लिखी गई सभी कविताओं का पुनर्संयोजन किया है। अपनी कविता से बीज-शब्द नबेरे हैं। उसके आधार पर ही अलग-अलग खण्ड की निर्मिति हुई है और सबसे अहम् : अपनी कविताओं पर उन्होंने एक सुचिंतित वक्तव्य दिया है, जिसे पुस्तक में ‘हलफ़नामा’ शीर्षक से पढ़ा जा सकता है।
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